गर्भावस्था का समय हर महिला के लिए एक अनूठा अनुभव होता है, लेकिन इस दौरान कई शारीरिक बदलाव होते हैं, जिनमें से एक आम समस्या प्रेगनेंसी में मॉर्निंग सिकनेस होती है। यह स्थिति गर्भावस्था की शुरुआत में अधिक देखी जाती है और अधिकांश महिलाओं को गर्भावस्था में उल्टी और मतली का सामना करना पड़ता है।

गर्भावस्था एक सुंदर यात्रा है, जहां शारीरिक और मानसिक बदलाव गहरे स्तर पर अनुभव होते हैं। इस दौरान, न सिर्फ खानपान बल्कि माहौल और ध्वनि भी गर्भवती महिला और गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं। संगीत — एक ऐसा माध्यम है जो गर्भवती महिला के तनाव को कम कर सकता है और शिशु के विकास में सकारात्मक भूमिका निभा सकता है।

गर्भावस्था के दौरान माता-पिता के मन में कई सवाल होते हैं, जिनमें से एक प्रमुख सवाल यह होता है कि गर्भ में लिंग पहचान कैसे की जाती है और क्या 6 महीने में लिंग पता लगाना संभव है? कुछ देशों में, यह कानूनी रूप से प्रतिबंधित है, जबकि अन्य जगहों पर इसे मेडिकल उद्देश्यों के लिए किया जाता है। इस ब्लॉग में हम विज्ञान, तकनीकी तरीकों, कानूनी पहलुओं और बेबी जेंडर डिटेक्शन से जुड़े मिथकों और सच्चाइयों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।