सही बैठने की पोज़िशन न केवल आपको आराम देती है बल्कि पूरे शरीर में रक्त संचार को भी बेहतर बनाती है। इससे शरीर हल्का महसूस करता है, थकान कम होती है और प्रेगनेंसी के दौरान आने वाली असहजता में भी कमी आती है। बैठने का सही तरीका अपनाने से आपको लंबे समय तक बैठे रहने में भी परेशानी नहीं होती, खासकर उन महिलाओं के लिए जिनका ऑफिस वर्क है या जिन्हें घर पर काम करते समय बार-बार बैठना पड़ता है।
गर्भावस्था में बैठने का तरीका
गर्भावस्था में बैठने का तरीका सही रखना इसलिए जरूरी है क्योंकि गलत ढंग से बैठने से कमर और पेट दोनों पर दबाव बढ़ जाता है।
इसके अलावा शुरुआती महीनों में कई महिलाओं को उल्टी और मतली की समस्या रहती है, ऐसे में सही मुद्रा में बैठना उपयोगी होता है। यदि आपको जानना है कि पीरियड्स मिस होने के कितने दिन बाद उल्टी लगती है, तो आप यहां विस्तृत जानकारी पढ़ सकती हैं:
- रीढ़ को सीधा रखें और कंधों को पीछे की ओर रखें ताकि कमर को बेहतर सहारा मिले।
- पैरों को जमीन पर पूरी तरह से टिका कर बैठें, यदि ज़रूरत हो तो फुटरेस्ट का उपयोग करें।
- लंबे समय के लिए एक ही पोजिशन में न बैठें नियमित अंतराल पर उठकर थोड़ा टहलना उपयोगी है।
- अचानक झुकने या झटके से उठने से बचें, क्योंकि इससे पीठ की मांसपेशियों पर तनाव पड़ सकता है।
इन तरीकों को अपनाने से न केवल कमर दर्द में राहत मिलती है बल्कि पेट पर पड़ने वाला दबाव भी कम होता है। यह तरीका शुरुआती महीनों से लेकर प्रेगनेंसी के आख़िरी महीनों तक बहुत मदद करता है। सही तरीके से बैठने से शरीर में खून का प्रवाह संतुलित रहता है और पैरों में सुन्नपन या सूजन जैसी समस्याएँ भी कम होती हैं।
सही बैठने की मुद्रा
सही बैठने की मुद्रा अपनाना गर्भावस्था में होने वाली असहजता और दर्द को काफी हद तक कम कर देता है। कई बार महिलाओं को गर्भावस्था में अचानक स्पॉटिंग या हल्का ब्लीडिंग भी हो सकता है। यदि आप जानना चाहती हैं कि 2 महीने की प्रेगनेंसी में ब्लीडिंग होना सामान्य है या नहीं, तो यहां पढ़ें:
- पीछे की ओर एक छोटा तकिया या lumbar रोल रखें ताकि कमर में प्राकृतिक वक्र (कर्व) बनी रहे।
- पैरों के नीचे हल्का स्टूल या पैड रखें जिससे जांघ और कूल्हों की स्थिति संतुलित रहे।
- बैठते समय आगे झुकने से बचें; यदि झुकना हो, तो घुटनों को मोड़कर और पीठ सीधी रखकर झुकें।
- कुर्सी की ऊँचाई ऐसी हो कि आपके पैरों और कूल्हों में लगभग समान कोण बनें।
जब आप सही मुद्रा में बैठती हैं, तो शरीर को अतिरिक्त मेहनत नहीं करनी पड़ती और हर हिस्सा आरामदायक स्थिति में रहता है। इससे गर्भाशय के आसपास की मांसपेशियों पर भी कम दबाव पड़ता है। गर्भ के बढ़ने के साथ यह और भी ज़रूरी हो जाता है कि बैठने की मुद्रा पर ध्यान दिया जाए, ताकि शरीर का संतुलन बिगड़े नहीं और आप किसी भी तरह की चोट या खिंचाव से बची रहें।
गर्भवती महिलाओं की पोजिशन
गर्भवती महिलाओं के लिए ऐसी बैठने की पोजिशन चुनना बेहद ज़रूरी है जो शरीर को आराम दे और पेट पर दबाव न बनाए।
आप चाहे कुर्सी पर बैठें या फर्श पर, कोशिश करें कि आपकी पीठ को पर्याप्त सपोर्ट मिले। फर्श पर बैठते समय दीवार का सहारा लेना बेहतर होता है ताकि रीढ़ मुड़ी हुई न रहे और शरीर लंबे समय तक आरामदायक स्थिति में रहे।
कुर्सी पर बैठते समय हमेशा बैक सपोर्ट वाले विकल्प को चुनें। बहुत नरम कुर्सी या बिना सहारे की सीट लंबे समय के लिए ठीक नहीं होती, क्योंकि इससे कमर पर भार बढ़ जाता है। बैठने के दौरान पेट की स्थिति पर भी ध्यान देना चाहिए पेट बिल्कुल ढीला या दबा हुआ न हो।
अगर आप वाहन में यात्रा कर रही हैं, तो सीट को हल्का पीछे झुकाकर बैठना और कमर के पीछे छोटा तकिया रखना बहुत लाभदायक होता है। इससे लगातार होने वाला दबाव कम होता है और यात्रा अधिक आरामदायक बनती है। कई महिलाएँ पूछती हैं कि प्रेगनेंसी में पति से कब दूर रहना चाहिए, इसका सही मार्गदर्शन यहां पढ़ सकते हैं:
👉 प्रेगनेंसी में पति से कब दूर रहना चाहिए
आरामदायक बैठने के उपाय
गर्भावस्था में आरामदायक बैठने की आदतें अपनाना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि शरीर अधिक संवेदनशील हो जाता है।
- बैठते समय मुलायम तकिया या सपोर्ट कुशन का उपयोग करें ताकि कमर और पीठ को सहारा मिले।
- लंबे समय तक एक ही पोज़िशन में न बैठें हर ३०–४० मिनट में थोड़ा चलें या मुद्रा बदलें।
- पैरों को हल्का ऊँचा रखने के लिए छोटे स्टूल या तकिये का सहारा लें, इससे रक्त प्रवाह बेहतर रहेगा और सूजन कम होगी।
- यदि कमर दर्द हो, तो बैठे समय कमर के पीछे हल्की गर्म सिकाई चला कर रखें।
इन उपायों को अपनाना उन महिलाओं के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है जो ऑफिस में लंबे समय तक बैठकर काम करती हैं या घर के काम में बार-बार बैठना-उठना होता है। सही बैठने की आदतें थकान, मांसपेशियों की जकड़न और पैरों में भारीपन जैसी समस्याओं को भी कम करती हैं।
इसके अलावा खाने के समय भी सही मुद्रा अपनाना जरूरी है भोजन के बाद झुककर बैठने से बचें क्योंकि इससे पाचन पर असर पड़ सकता है। हमेशा आरामदायक और सपोर्ट देने वाली मुद्रा में खाना खाएँ।
गर्भ में दबाव से बचाव
गर्भावस्था में पेट पर अनावश्यक दबाव कम करना बहुत ज़रूरी है। गलत पोज़िशन या अचानक झुककर बैठना पेट के निचले हिस्से पर तनाव डाल सकता है।
- बैठते समय पेट को आर-पार कर कम दबाव हो, इसके लिए अपनी मुद्रा को संतुलित रखें।
- कुर्सी पर बैठते समय सीट को पीछे की ओर टिकाकर बैठें।
- यात्रा के दौरान सीटबेल्ट को नीचे की ओर, पेट के नीचे बांधें।
सही पोज़िशन गर्भस्थ शिशु के लिए भी सुरक्षित होती है क्योंकि इससे रक्त प्रवाह सुचारू रहता है और गर्भाशय पर तनाव कम पड़ता है। इसलिए बैठने के हर तरीके में पेट की सुरक्षा का ध्यान रखना अनिवार्य है।
कमर दर्द से राहत तरीका
गर्भावस्था में कमर दर्द होना आम बात है, लेकिन बैठने के सही तरीके से इसे काफी हद तक कम किया जा सकता है।
- बैठते समय कमर के पीछे एक रोल-तौलिया या तकिया रखें।
- बीच-बीच में खड़े होकर हल्का चलना और स्ट्रेचिंग करना बहुत लाभदायक है।
- झुककर बैठने या लंबे समय तक नीचे देखने से बचें।
- ज़रूरत पड़ने पर चिकित्सक की सलाह से बेली सपोर्ट बेल्ट का उपयोग करें।
इन उपायों से कमर की माँसपेशियाँ रिलैक्स रहती हैं और शरीर का वजन सही तरीके से संतुलित होता है। जैसे-जैसे प्रेगनेंसी बढ़ती है, ये उपाय आपको और अधिक राहत देंगे।
निष्कर्ष
प्रेगनेंसी में कैसे बैठना चाहिए यह जानना हर गर्भवती महिला के लिए जरूरी है, क्योंकि सही बैठने की मुद्रा से न केवल शरीर को आराम मिलता है बल्कि गर्भस्थ शिशु की सुरक्षा भी सुनिश्चित होती है।
सही पोज़िशन, समय-समय पर ब्रेक लेना, कमर को सपोर्ट देना और पेट पर दबाव से बचना ये सब मिलकर आपके गर्भकाल को सहज, सुरक्षित और आरामदायक बनाते हैं।


