प्रेगनेंसी डाइट प्लान को सही तरीके से फॉलो करने से माँ और शिशु दोनों को आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं और गर्भावस्था से जुड़ी जटिलताओं से बचाव होता है। इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि गर्भावस्था आहार गाइड के अनुसार पहली, दूसरी और तीसरी तिमाही में क्या खाना चाहिए और तिमाही अनुसार प्रेगनेंसी डाइट कैसी होनी चाहिए।
गर्भावस्था के दौरान डाइट क्यों जरूरी है?
- माँ और शिशु दोनों के लिए जरूरी पोषण मिलता है।
- गर्भावस्था में कमजोरी, एनीमिया, और हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं से बचाव होता है।
- शिशु का मस्तिष्क, हड्डियाँ और अंग सही तरीके से विकसित होते हैं।
- प्रसव को आसान बनाने में मदद करता है और माँ की रिकवरी तेज होती है।
अब जानते हैं कि गर्भावस्था के हर तिमाही में क्या खाना चाहिए।
पहली तिमाही (1 से 12 सप्ताह) के लिए डाइट प्लान
गर्भावस्था के शुरुआती 3 महीनों में शिशु की मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी और अंगों का विकास होता है। इस दौरान संतुलित आहार लेना बहुत जरूरी होता है।
क्या खाएं?
फोलिक एसिड युक्त आहार: शिशु की न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट से बचाने के लिए
- पालक, ब्रोकली, चुकंदर
- संतरा, केला, एवोकाडो
- दालें और साबुत अनाज
प्रोटीन युक्त आहार: शिशु के कोशिकाओं के निर्माण के लिए
- दूध, दही, पनीर
- अंडे, चिकन, दालें
आयरन और कैल्शियम: खून की मात्रा बढ़ाने और हड्डियों के विकास के लिए
- हरी पत्तेदार सब्जियाँ, ड्राई फ्रूट्स
- दूध, पनीर, सोया प्रोडक्ट्स
ओमेगा-3 फैटी एसिड: शिशु के मस्तिष्क के विकास के लिए
- अखरोट, अलसी के बीज, मछली
फाइबर युक्त आहार: कब्ज की समस्या से बचने के लिए
- साबुत अनाज, ब्राउन राइस
- फल और सब्जियाँ
क्या न खाएं?
अधिक तला-भुना और मसालेदार भोजन
अधपका मांस और कच्चे अंडे
ज्यादा कैफीन और जंक फूड
दूसरी तिमाही (13 से 27 सप्ताह) के लिए डाइट प्लान
इस दौरान शिशु का वजन तेजी से बढ़ता है और अंग पूरी तरह से विकसित होते हैं। माँ को अधिक ऊर्जा और पोषण की आवश्यकता होती है।
क्या खाएं?
आयरन और कैल्शियम: हड्डियों और रक्त कोशिकाओं के लिए
- दूध, दही, पनीर
- सोयाबीन, अंजीर, बादाम
विटामिन D और प्रोटीन: हड्डियों और मांसपेशियों के लिए
- अंडे, चिकन, मछली
- सूरज की रोशनी से विटामिन D
फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट: पाचन में सुधार के लिए
- फल (सेब, केला, अनार)
- सब्जियाँ (गाजर, चुकंदर, ब्रोकली)
हेल्दी फैट्स: बच्चे के दिमाग के विकास के लिए
- नारियल तेल, घी, नट्स
क्या न खाएं?
- बहुत अधिक मीठा और नमक
- फास्ट फूड और डिब्बाबंद खाना
- कैफीन युक्त पेय पदार्थ
तीसरी तिमाही (28 से 40 सप्ताह) के लिए डाइट प्लान
अब शिशु का वजन बढ़ रहा होता है और माँ को प्रसव की तैयारी करनी होती है। इस समय प्रोटीन, आयरन और हाइड्रेशन का ध्यान रखना जरूरी होता है।
क्या खाएं?
ऊर्जा और सहनशक्ति बढ़ाने के लिए:
- दलिया, ओट्स, ब्राउन राइस
- हरी पत्तेदार सब्जियाँ, सूखे मेवे
प्रोटीन और आयरन: माँ की हड्डियों और खून की आपूर्ति के लिए
- पनीर, दूध, दालें, मछली
- खजूर, अंजीर, मूँगफली
हाइड्रेशन: शरीर को हाइड्रेटेड रखने के लिए
- 8-10 गिलास पानी
- नारियल पानी और हर्बल टी
डिलीवरी को आसान बनाने के लिए:
- घी और हल्दी वाला दूध
- पपीता और अनानास (38वें सप्ताह के बाद)
क्या न खाएं?
- बहुत ज्यादा नमक और मीठा
- अत्यधिक कैफीन
- भारी मसालेदार और तला-भुना खाना
गर्भावस्था में सही डाइट के लिए कुछ खास सुझाव
- हर 2-3 घंटे में कुछ न कुछ खाएँ।
- खाने में विविधता रखें ताकि सभी पोषक तत्व मिलें।
- अधिक पानी पिएं और हाइड्रेटेड रहें।
- भारी भोजन रात में न करें।
- डॉक्टर से सप्लीमेंट्स के बारे में पूछें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
1. क्या प्रेगनेंसी में रोज़ नट्स खाना सही है?
हाँ, बादाम, अखरोट और काजू प्रोटीन, हेल्दी फैट्स और ओमेगा-3 के अच्छे स्रोत हैं।
2. क्या प्रेगनेंसी में जूस पीना सही है?
हाँ, लेकिन ताजे फलों का जूस पिएं, पैक्ड जूस से बचें।
3. क्या तीसरी तिमाही में घी खाना जरूरी है?
हाँ, लेकिन सीमित मात्रा में, क्योंकि अधिक घी से वजन तेजी से बढ़ सकता है।
4. क्या गर्भावस्था में उपवास करना सुरक्षित है?
नहीं, प्रेगनेंसी में उपवास से पोषण की कमी हो सकती है, इसलिए डॉक्टर से सलाह लें।
5. क्या डिलीवरी के लिए पपीता और अनानास खाना सही है?
38वें सप्ताह के बाद थोड़ी मात्रा में खाना सुरक्षित हो सकता है, लेकिन पहले नहीं।
निष्कर्ष
- प्रेगनेंसी डाइट प्लान में हर तिमाही के अनुसार पोषण को संतुलित रखना जरूरी है।
- गर्भावस्था आहार गाइड के अनुसार, प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम और हेल्दी फैट्स लेना जरूरी है।
- तिमाही अनुसार प्रेगनेंसी डाइट में अलग-अलग पोषण की जरूरत होती है।
- गर्भावस्था में क्या खाना चाहिए – पौष्टिक, ताजा और संतुलित आहार लेना चाहिए।
सही आहार से न केवल गर्भावस्था स्वस्थ रहती है, बल्कि शिशु का विकास भी बेहतर होता है।