कई बार महिलाएं नहीं जान पाती हैं कि उनका पीरियड कब शुरू होगा। लेकिन शरीर के कुछ संकेत और बदलाव बताने लगते हैं कि मासिक धर्म आने वाला है। इन्हें समझकर महिलाएं समय पर तैयारी कर सकती हैं, आराम कर सकती हैं और अपनी दिनचर्या को बेहतर बना सकती हैं।
पीरियड से पहले होने वाले बदलाव
पीरियड्स से पहले शरीर में कई बदलाव दिखाई देते हैं। ये बदलाव सभी महिलाओं में अलग-अलग हो सकते हैं लेकिन कुछ सामान्य लक्षण अक्सर महसूस होते हैं।
- थकान और कमजोरी: पीरियड्स से पहले हार्मोनल बदलाव शरीर की ऊर्जा को प्रभावित करते हैं। कई महिलाओं को हल्की या गंभीर थकान महसूस होती है।
- मूड स्विंग्स: हार्मोनल उतार-चढ़ाव के कारण अचानक गुस्सा, चिड़चिड़ापन या उदासी महसूस होती है।
- पेट और कमर में हल्का दर्द: कुछ महिलाओं को हल्की ऐंठन या खिंचाव दिखाई देता है।
- नींद में बदलाव: पीरियड से पहले नींद का पैटर्न बदल सकता है। कुछ को अधिक नींद आती है और कुछ को नींद नहीं आती।
- हाथ-पैर या शरीर में सूजन: पानी रुकने के कारण शरीर में हल्की सूजन महसूस हो सकती है।
इन बदलावों को पहचानकर महिलाएं अपने शरीर के लिए आराम और सही डाइट की तैयारी कर सकती हैं।ती हैं।
मासिक धर्म के लक्षण
मासिक धर्म के लक्षण शारीरिक और मानसिक दोनों स्तर पर दिखाई देते हैं। यह शरीर की तैयारी का एक प्राकृतिक हिस्सा है।
- पेट में ऐंठन और खिंचाव: हार्मोनल बदलाव के कारण गर्भाशय सिकुड़ता है, जिससे पेट में ऐंठन और दर्द महसूस होता है।
- सिरदर्द और माइग्रेन: हार्मोनल असंतुलन के कारण कुछ महिलाओं को तेज सिरदर्द या माइग्रेन की समस्या होती है।
- त्वचा में बदलाव: चेहरे पर पिंपल्स या ऑयली स्किन बढ़ सकती है।
- भूख में बदलाव: कभी ज्यादा भूख लगती है, तो कभी खाने का मन ही नहीं करता।
- ऊर्जा का स्तर कम होना: हल्की-हल्की चीज़ों से भी थकान महसूस होना।
- भावनात्मक बदलाव: तनाव, चिंता और चिड़चिड़ापन बढ़ना।
ये लक्षण बताने में मदद करते हैं कि मासिक धर्म जल्दी ही शुरू होने वाला है। महिलाओं को इस समय अपनी दिनचर्या में हल्की वर्कआउट, पर्याप्त पानी पीना और संतुलित आहार शामिल करना चाहिए।
पीरियड आने से पहले के संकेत
पीरियड आने से पहले शरीर धीरे-धीरे संकेत देने लगता है। इन्हें पहचानकर महिलाएं अपनी तैयारी कर सकती हैं:
- स्तनों में दर्द और सूजन: हार्मोनल बदलाव स्तनों को संवेदनशील बनाते हैं।
- पेट में भारीपन और ब्लोटिंग: गैस और पानी रुकने से पेट फूल जाता है।
- थकान और कमजोरी: शरीर की ऊर्जा घटने लगती है और हल्की-हल्की गतिविधियों से भी थकावट महसूस होती है।
- मूड में बदलाव: अचानक गुस्सा, उदासी या चिंता बढ़ जाना।
- नींद में बदलाव: रात को नींद न आना या दिन में ज्यादा नींद आना।
- पाचन समस्या: कब्ज, गैस या हल्का दस्त।
इस समय महिलाओं को आराम के साथ-साथ अपने पार्टनर से थोड़ी दूरी बनाए रखना भी लाभकारी हो सकता है। अगर आप जानना चाहती हैं कि प्रेगनेंसी में पति से कब दूर रहना चाहिए, तो आप इस आर्टिकल को पढ़ सकती हैं: प्रेगनेंसी में पति से कब दूर रहना चाहिए। यह जानकारी प्रेगनेंसी में सुरक्षा और आराम बनाए रखने में मदद करती है।
पीरियड शुरू होने के लक्षण
जब पीरियड्स शुरू होने वाले होते हैं, तो शरीर में कुछ स्पष्ट बदलाव नज़र आते हैं।
- निचले पेट और कमर में दर्द या ऐंठन: पेट के नीचे हल्की से लेकर तेज ऐंठन महसूस होती है।
- भावनात्मक अस्थिरता: मूड तेजी से बदलता है। कुछ महिलाएं ज्यादा भावुक या चिड़चिड़ी हो जाती हैं।
- खाने की तीव्र इच्छा: खासकर मीठा, चॉकलेट या जंक फूड की craving बढ़ती है।
- त्वचा पर बदलाव: चेहरे पर पिंपल्स, दाने या ऑयली स्किन।
- ऊर्जा का स्तर कम होना: हल्की-हल्की चीज़ों से भी शरीर थक जाता है।
इन लक्षणों के आधार पर महिलाएं अपने दिनचर्या, खानपान और आराम की योजना बना सकती हैं।
शरीर में पीरियड के संकेत
महिलाओं के शरीर में पीरियड्स के ठीक पहले कई बदलाव दिखाई देते हैं।
- कमर और पीठ में दर्द: यह दर्द हल्का से लेकर कभी-कभी तेज तक महसूस हो सकता है।
- पेट फूलना और गैस: ब्लोटिंग से पेट भारी और असहज महसूस होता है।
- पाचन में बदलाव: कब्ज, गैस या हल्का दस्त।
- नींद में गड़बड़ी: रात में नींद न आना या दिन में ज्यादा नींद महसूस होना।
- ऊर्जा में कमी: हल्की-हल्की चीज़ें करने में थकावट।
- दिमागी सतर्कता में कमी: ध्यान केंद्रित करना कठिन हो जाता है।
इन संकेतों की जानकारी होने से महिलाएं अपने आराम और डाइट को सही तरीके से एडजस्ट कर सकती हैं। सकती हैं।
प्रेमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS) के लक्षण
PMS यानी प्रेमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम लगभग 70-80% महिलाओं में देखा जाता है। यह पीरियड्स शुरू होने से 7-10 दिन पहले दिखाई देता है और इसमें मानसिक और शारीरिक दोनों प्रकार के लक्षण शामिल होते हैं।
- मूड स्विंग्स और चिड़चिड़ापन: छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आना या उदास महसूस करना।
- सिरदर्द और माइग्रेन: हार्मोनल असंतुलन के कारण।
- स्तनों में दर्द और सूजन: संवेदनशीलता और हल्की सूजन महसूस होती है।
- भूख और खाने की इच्छा: मीठा, चॉकलेट या जंक फूड की craving।
- पेट और कमर में ऐंठन: हल्की या तेज ऐंठन।
- ऊर्जा का स्तर गिरना: लगातार थकान महसूस होना।
- भावनात्मक असंतुल्यता: तनाव, चिंता और नींद में गड़बड़ी।
PMS के लक्षण अलग-अलग महिलाओं में अलग रूप में दिख सकते हैं। योग, हल्की एक्सरसाइज और संतुलित आहार से इन लक्षणों को काफी हद तक कम किया जा सकता है।क कम किए जा सकते हैं।
पीरियड से जुड़ी शारीरिक समस्याएं
कई बार पीरियड्स के दौरान या उससे पहले महिलाएं शारीरिक समस्याओं का सामना करती हैं।
- अनियमित पीरियड्स: हर महीने समय पर पीरियड न आना।
- अत्यधिक दर्द (Dysmenorrhea): पीरियड्स के दौरान तेज दर्द होना।
- ज्यादा या बहुत कम ब्लीडिंग: हार्मोनल असंतुलन या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत।
- कमजोरी और चक्कर आना: ब्लीडिंग ज्यादा होने से आयरन की कमी।
- पाचन और गैस की समस्या: कब्ज, गैस या हल्का दस्त।
- त्वचा और बालों की समस्या: हार्मोनल बदलाव के कारण त्वचा में पिंपल्स, दाने और बालों का झड़ना।
यदि ये समस्याएं बार-बार हों या अत्यधिक हों, तो डॉक्टर से समय पर परामर्श लेना बहुत आवश्यक है।
निष्कर्ष
हर महिला के लिए पीरियड आने के संकेत अलग हो सकते हैं। किसी को हल्के लक्षण महसूस होते हैं, तो किसी को ज्यादा परेशानी होती है। ज़रूरी है कि महिलाएं अपने शरीर के बदलावों को पहचानें और अपनी सेहत का ध्यान रखें।
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साथ ही, अपने मासिक धर्म चक्र को ट्रैक करने और अगली माहवारी की सही तारीख जानने के लिए Pregnancy Calculator in Hindi का उपयोग करें। यह टूल महिलाओं के लिए बेहद मददगार है।