इस ब्लॉग में हम पीरियड में ज्यादा ब्लीडिंग का कारण, हल्की ब्लीडिंग के कारण, इनके संभावित उपचार और कब डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए, इस पर चर्चा करेंगे।
क्या सामान्य मासिक धर्म का कोई पैटर्न होता है?
- मासिक धर्म चक्र सामान्यतः 28-35 दिन का होता है।
- ब्लीडिंग की अवधि 3 से 7 दिन तक होती है।
- औसत रक्तस्राव लगभग 30-80 मिलीलीटर होता है।
- यदि ब्लीडिंग मात्रा इससे बहुत अधिक या कम हो, तो यह असामान्य हो सकता है।
टिप: यदि आपके पीरियड्स सामान्य से अलग हो रहे हैं, तो इसे अनदेखा न करें और समय पर जानकारी प्राप्त करें।
पीरियड्स में ज्यादा ब्लीडिंग क्यों होती है?
यदि आपकी ब्लीडिंग बहुत अधिक है और 7 दिनों से अधिक चल रही है, तो इसे मेंस्ट्रुअल मेनोरेजिया (Menorrhagia) कहा जाता है। इसके प्रमुख कारण:
हार्मोनल असंतुलन (HORMONAL IMBALANCE)
- एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन संतुलन बिगड़ने से ब्लीडिंग बढ़ सकती है।
- यह स्थिति PCOS (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) या थायरॉयड समस्याओं से जुड़ी हो सकती है।
गर्भाशय से जुड़ी समस्याएँ
- फाइब्रॉइड्स (Fibroids): गर्भाशय में गांठ बनने से अत्यधिक रक्तस्राव हो सकता है।
- एंडोमेट्रियोसिस: गर्भाशय की परत अत्यधिक बढ़ने से ब्लीडिंग ज्यादा हो सकती है।
गर्भनिरोधक उपायों का प्रभाव
- IUD (इंट्रा यूटेरिन डिवाइस): इसके उपयोग से भी ब्लीडिंग अधिक हो सकती है।
- गर्भनिरोधक गोलियाँ: कभी-कभी कुछ गोलियों से भी ब्लीडिंग बढ़ जाती है।
कुछ दवाओं या मेडिकल कंडीशन का प्रभाव
- ब्लड थिनर (Blood Thinners) या एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं ब्लीडिंग को बढ़ा सकती हैं।
- डायबिटीज या मोटापा भी मासिक धर्म चक्र को प्रभावित कर सकता है।
टिप: अगर आपको अत्यधिक ब्लीडिंग हो रही है या कमजोरी/चक्कर आ रहे हैं, तो डॉक्टर से सलाह लें।
हल्के पीरियड्स क्यों आते हैं?
अगर आपके पीरियड्स बहुत हल्के हैं या ब्लीडिंग कम हो रही है, तो इसे हाइपोमेनोरिया (Hypomenorrhea) कहा जाता है। इसके मुख्य कारण:
हार्मोनल बदलाव
- थायरॉयड हार्मोन या एस्ट्रोजन का स्तर कम होने से पीरियड हल्के हो सकते हैं।
- कुछ गर्भनिरोधक गोलियों के कारण भी फ्लो कम होता है।
अत्यधिक व्यायाम और वजन घटना
- बहुत अधिक वर्कआउट या तेज़ वजन घटाव से हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं, जिससे पीरियड्स कम हो सकते हैं।
तनाव और मानसिक स्वास्थ्य
- अत्यधिक तनाव कोर्टिसोल हार्मोन की वजह से फ्लो कम कर सकता है।
पोषण की कमी और खराब डाइट
- आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन B12 की कमी से शरीर खून नहीं बना पाता।
- बहुत अधिक जंक फूड या क्रैश डाइटिंग भी कारण है।
टिप: लगातार हल्के पीरियड्स या अचानक ब्लीडिंग बंद हो जाए तो डॉक्टर से मिलें।
ब्लीडिंग को संतुलित करने के उपाय
सही आहार अपनाएँ
- आयरन व फोलिक एसिड – पालक, दालें, बीन्स, अनार
- विटामिन C – संतरा, नींबू, टमाटर, आयरन अवशोषण में सहायक
- ओमेगा-3 – अखरोट, अलसी, मछली हार्मोन संतुलन में मददगार
- प्रोबायोटिक्स – दही, छाछ पाचन व हार्मोन बैलेंस के लिए
योग और हल्की एक्सरसाइज़
- हल्की वॉक, योग, बालासन, भुजंगासन से पीरियड्स नियमित होते हैं।
तनाव प्रबंधन
- ध्यान, प्राणायाम और नींद तनाव को कम करते हैं।
टिप: कमजोरी हो तो आयरन-फोलिक सप्लीमेंट डॉक्टर की सलाह से लें।
कब डॉक्टर से संपर्क करें?
- यदि मासिक धर्म 7 दिनों से अधिक चलता है।
- अत्यधिक कमजोरी या चक्कर आते हों।
- गहरे रंग के खून के थक्के निकलते हों।
- मासिक धर्म अचानक बंद हो जाए या बहुत हल्का हो।
अतिरिक्त जानकारी के लिए देखें: अनियमित पीरियड्स कारण
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
1. क्या ज्यादा ब्लीडिंग सामान्य है?
नहीं, इसे मेनोरेजिया कहा जाता है। डॉक्टर से सलाह जरुरी है।
2. हल्की ब्लीडिंग का क्या कारण होता है?
हार्मोनल असंतुलन या पोषण की कमी हो सकती है।
3. क्या डाइट मासिक धर्म को नियमित कर सकती है?
हाँ, सही आहार से मासिक धर्म में सुधार संभव है।
4. तनाव का मासिक धर्म पर क्या असर होता है?
तनाव मासिक धर्म चक्र को असामान्य बना सकता है।
निष्कर्ष
पीरियड्स में ब्लीडिंग की कमी या अधिक्तता दोनों स्वास्थ्य के लिए संकेत हैं। सही डाइटिंग, नियमित व्यायाम, तनाव नियंत्रण और डॉक्टर की निगरानी से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। समय रहते इलाज से महिला स्वास्थ्य बेहतर रहता है और मासिक धर्म नियमित होता है।